भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं की है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। इससे लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई नहीं बढ़ेगी। आरबीआई के रेपो रेट को बरकरार रखने से मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों की जेब पर ईएमआई का बोझ इस बार नहीं बढ़ने वाला है। इसका असर यह होगा कि होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन महंगे नहीं होंगे।
महंगाई 5.2 फीसदी रहने का अनुमान
आरबीआई ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है। उसके अनुसार अप्रैल से जून की तिमाही में यह 5.1 फीसदी रह सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई में नरमी आएगी, इस पर कंट्रोल करने के प्रयास जारी रहेंगे।आगे ले सकते हैं सख्त फैसला
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा है कि अमेरिका में बैंकों के फेल होने से वित्तीय संकट मुद्दा बना है। इकोनॉमी में रिकवरी को बरकरार रखने के लिये हमने नीतिगत दर को यथावत रखा है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम स्थिति के हिसाब से कदम उठाएंगे।
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कितनी रह सकती है ग्रोथ रेट
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को पहले के 6.4 फीसदी से बढ़ा कर 6.5 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही अप्रैल-जून 2023 के लिए अनुमानित जीडीपी ग्रोथ को 7.8 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसी तरह जुलाई-सितंबर 2023 जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.2 फीसदी पर बरकरार रखी गया है। अक्टूबर-दिसंबर 2023 के लिए ग्रोथ रेट अनुमान 6.0 फीसदी से बढ़ा कर 6.1 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 के लिए 5.8 फीसदी से बढ़ा कर 5.9 फीसदी किया गया है।
विदेशी सेंट्रल बैंकों ने महंगा किया था कर्ज
इसके पहले पिछले महीने में फेडरल रिजर्व, यूरोपियन सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड भी नीतिगत दरों में बढ़ोतरी कर चुके हैं। इन केंद्रीय बैंकों ने दरों में 0.25 फीसदी से लेकर 0.50 फीसदी तक का इजाफा किया है। रिजर्व बैंक ने भी इस बार भले ही रेपो रेट नहीं बढ़ाई हो, पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया है कि मोनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) अपनी आगे की बैठकों में आवश्यक कार्रवाई करने से संकोच नहीं करेगी। दास के अनुसार एमपीसी का रेपो रेट पर ब्रेक का फैसला इसी बैठक के लिए है। यानी जरूरत के अनुसार आगे रेपो रेट बढ़ाई जा सकती है।