प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद अतीक अहमद को साबमरती जेल में वापस ले जाया गया जहां उसे ऐसा काम मिला है जिससे उसकी प्रतिदिन 25 रुपये की कमाई होगी। यह काम है झाड़ू लगाने और जेल के गोशाला में बंद भैसों को पानी से धोने का।
अतीक को सश्रम आजीवन कारावास की सजा मिली है इसलिए अरबों रुपये का साम्राज्य खड़ा करने वाले अतीक अहमद को हाथ में झाड़ू थामनी ही होगी। 17 वर्ष पुराने उमेश पाल अपहरण कांड में सुनवाई पूरी होने के बाद 28 मार्च को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई। उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने वापस साबरमती जेल पहुंचा दिया।
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वहां उसे कैदी नंबर 17052 का बिल्ला मिला, साथ ही जेल में सजायाफ्ता कैदी के कपड़े भी। अब अतीक को जेल में काम भी सौंप दिया गया है। उसे 25 रुपये प्रतिदिन की कमाई के लिए भैंसों को नहलाने के अलावा झाड़ू लगाने का काम दिया गया है। यानी देश के कई राज्यों में अरबों रुपये के बेनामी होटल और कालेज खोलने वाले माफिया को अब जेल में भैंसों के बीच काफी समय गुजारना होगा।
कस्टडी रिमांड मांग सकती है पुलिस
उमेश पाल हत्याका़ंड में बी वारंट लेकर साबरमती पहुंची पुलिस को अतीक को पेश करने के लिए कोई समय सीमा नहीं तय की है। यानी पुलिस सुरक्षा का प्रबंध कर सही समय पर अतीक को अदालत में पेश कर सकती है।
पुलिस अतीक के साथ ही अशरफ की भी कस्टडी रिमांड अदालत से मांग सकती है ताकि इस हत्या की साजिश के बारे में दोनों भाइयों से जानकारी ली जा सके। वकीलों के बीच कयास लगाया जा रहा है कि अतीक और अशरफ को एक ही दिन यहां अदालत में पेश करने की कोशिश पुलिस कर रही है।