ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करते हुए प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना लागू की। योजना की शर्त के अनुसार किसान के पास कृषि योग्य भूमि होना अनिवार्य है। वहीं जिले में भूमिहीन हो चुके ये करोड़पति किसान सम्मान निधि में भी सेंध लगाए बैठे हैं। गलत तरीके से सम्मान निधि का लाभ पाने वालों की सूची प्रशासन तैयार करा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार के मुताबिक अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ ले रहे लोगों को विभाग ने स्वत: ही योजना से बाहर होने की हिदायत दी है। ब्लाकवार किसानों का सत्यापन हो रहा है। काफी संख्या में ऐसे लोग चिह्नित हुए हैं, जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ ले रहे हैं।
कृषि विभाग ने एडीएम एलए से उन लोगों की जानकारी मांगी है, जिनकी जमीन अधिगृहीत हो चुकी है। दरअसल, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ ही यमुना विकास प्राधिकरण के ज्यादातर गांवों में कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। किसानों ने जमीन के एवज में मुआवजा भी उठा लिया है।
किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्रता की शर्तों में किसान पंजीकरण के साथ कृषि योग्य भूमि की खसरा और खतौनी होना अनिवार्य है। किसान पहले ही विभागों में पंजीकृत है। किसानों के पास कृषि योग्य भूमि की एक इंच नहीं बची हैं। बावजूद इसके लेखपाल से मिलीभगत कर पुरानी खसरा-खतौनी के सहारे योजना का लाभ ले रहे हैं।
इस सूची में सबसे अधिक जेवर क्षेत्र के किसान है। जेवर में 25 हजार 465 किसान सम्मान निधि पा रहे हैं। रोही, पारोही, बनवारीबास, किशोरपुर, दयानतपुर, रन्हेरा समेत कई अन्य गांवों की अधिकतर जमीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए अधिगृहीत हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण अधिसूचित 124 गांवों में अधिकतर की अधिगृहीत कर चुका है। इनमें से ज्यादातर गांवों में ग्रामीण मुआवजा उठा चुके हैं। नोएडा के अधिसूचित अधिकतर गांवों में भी जमीन अधिगृहीत हो चुकी है।