बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने बुधवार को मऊ जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उमर अंसारी हेट स्पीच सहित तीन मामलों में 19 महीने से फरार चल रहा था. आज दोपहर उमर अंसारी ने मऊ जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट की जज श्वेता चौधरी की अदालत में सरेंडर किया. वहीं उमर अंसारी के वकील कोर्ट के अंदर फिलहाल बेल के लिए लगे हुए हैं. हालांकि अभी तक बेल पर कोई फैसला नहीं आया है.
उमर अंसारी पर पहला मुकदमा दक्षिण टोला थाने में भारी गाड़ियों के साथ जुलूस लेकर चलने पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसमें मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे उमर अंसारी को भी आरोपी बनाया गया था. वहीं उमर अंसारी पर एक और केस शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था. यह केस हेड स्पीच का था. इसमें उमर अंसारी, अब्बास अंसारी सहित आधा दर्जन लोग आरोपी बनाए गए थे.
कोर्ट ने जारी किया था गैरजमानती वारंट
शहर कोतवाली में ही आचार संहिता उल्लंघन के मामले में विजय जुलूस निकालने के मामले में एक मुकदमा अब्बास अंसारी, उमर अंसारी सहित आधा दर्जन लोगों पर दर्ज हुआ था. इन्हीं तीन केस में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमर अंसारी पर तीन गैरजमानती वारंट जारी था. पेश नहीं होने पर कोर्ट ने कुर्की का नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी अग्रिम जमानत
पिछले महीने 11 अक्टूबर को उमर अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. सरकारी संपत्ति के कथित दुरुपयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एम.एम. सुंदरेश और प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने उमर अंसारी को यह कहते हुए राहत दी थी कि वह इस केस में यूपी पुलिस द्वारा शुरू की गई कार्यवाही में उमर अंसारी सहयोग कर रहे हैं.
हालांकि इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उमर अंसारी को जमानत देने से इनकार कर दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत न मिलने के बाद उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
जानिए क्या था मामला?
दरअसल, सरकारी संपत्ति के कथित दुरुपयोग का ये मामला साल 2020 का है. लखनऊ के राजस्व अधिकारी सुरजन लाल ने हजरतगंज थाने में एक एफआईआर लिखवाई थी. इस एफआईआर में सुरजन लाल ने बताया था कि मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने सरकारी संपत्ति को गलत तरीके से अपने नाम करा ली है. यही नहीं उमर अंसारी के ऊपर आपराधिक साजिश रचने का भी आरोप सुरजन लाल ने लगाया था.