नोएडा : नोएडा प्राधिकरण में 1976 से लेकर अब तक दो विवाद सबसे ज्यादा रहे हैं। अव्वल ये कि आए दिन होते किसान आंदोलन और दूसरा कोर्ट केस, जिसमें बायर्स की समस्या शामिल है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बैठक में 1976 से लेकर अब तक के विकास और नीतियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण में जो भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें आ रही है, उनकी संलिप्तता भ्रष्टाचार में है। यदि वह 50 साल के ऊपर है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई कर बाहर का रास्ता दिखाएं। प्राधिकरण में पारदर्शिता लाने के लिए जो भी प्रयास हो रहे हैं, उन्हें और बढ़ाएं। सीएजी की रिपोर्ट में जिनके भी नाम हैं, उनकी भी समीक्षा की जाए।
करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में उन्होंने अधिकारियों को सरकार की रीति-नीति से अवगत कराया। किसानों के मुद्दे पर कहा कि किसान कभी गलत नहीं हो सकते, लेकिन जो लोग आंदोलन करने आ रहे है, उसमें कितने किसान है यह महत्वपूर्ण है। नंदी ने कहा कि शहर में कितनी भूमि पर अतिक्रमण है और यह अतिक्रमण कैसा है, उसे वर्गीकृत करें, ताकि किसान की समस्या हल हो सके। भूमाफिया से भूमि मुक्त कराई जा सके। उन्हें बताया गया कि 705 हेक्टयर भूमि पर अतिक्रमण है, जिसमें से 100 हेक्टेयर भूमि विनयमितिकरण में छोड़ी जा चुकी है। 50 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमणमुक्त कराई गई है। अभी 550 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। इस पर उन्होंने कहा कि अदालतों में पैरवी करने वाले वकीलों को मेरिट के आधार पर रखा जाए। जब प्राधिकरण उन पर खर्च करता है और इसके बाद भी वह केस हार रहे है, तो जाहिर है कही न कही लूप होल है। वकीलों के पैनलों की समीक्षा की जाए।
बता दें हाल ही में हाईकोर्ट में एक मामले में नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था, हालांकि मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया है। बैठक में नंदी ने कहा कि जहां एक बार कार्रवाई के बाद दोबारा निर्माण हो रहा है, उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएं। लैंडबैंक बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। भूलेख विभाग से अतिक्रमण और नए विकसित हो रहे सेक्टरों के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर चर्चा की। समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) को लेकर मामला ठीक रहा और कहा गया कि ध्यान रहे कि कोई भी फर्जी निस्तारण न हो। आनलाइन सुविधा भी बढ़ाई जाए। यादव सिंह प्रकरण की ली जानकारी : नोएडा प्राधिकरण के पूर्व इंजीनियर यादव सिंह प्रकरण की पूरी जानकारी औद्योगिक विकास मंत्री ने ली। उन्होंने कहा गया कि इनके खिलाफ जो भी प्रकरण हैं, उसमें समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जाए। नियोजन विभाग की समीक्षा : प्राधिकरण में सबसे ज्यादा शिकायत बिल्डर बायर्स की है। ऐसे में भू-आवंटन के बाद नियोजन विभाग की पूरी जानकारी, जिसमें नक्शा पास होने में देरी, नक्शा पास कराने का तरीका, ओसी और सीसी जारी करने का प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली गई।