ग्रेटर नोएडा। सेटेलाइट से पराली जलाने को लेकर मिल रही इमेज ने इन दिनों प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला घटना स्थल की तरफ दौड़ रहा है।
सेटेलाइट के जरिए मिली सूचना के आधार पर जिले में 10 से अधिक स्थानों पर पराली जली है। हालांकि जिला प्रशासन महज पांच स्थानों पर पराली जलाए जाने का दावा कर रहा है।
प्रशासन ने पराली जलाने के मामले में केवल तीन किसानों को नोटिस जारी किया है। दो स्थानों पर पराली के बजाय कूड़े के ढेर में आग सुलगती मिली। जबकि अन्य मामलों में प्रशासन जिले के बजाय बुलंदशहर, अलीगढ़ की सीमा में पराली जलने का दावा कर रहा है।
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बता दें कि लेखपाल व पंचायत सचिवों की नजर से भले ही किसान बचे रहे, लेकिन सेटेलाइट की नजर से वे इस बार नहीं बच सकते। रात के अंधेरे में भी यदि किसानों ने पराली जलाई तो सेटेलाइट के जरिए तत्काल सूचना जिला प्रशासन को मिलेगी।
कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक की जिम्मेदारी की गई है तय
धान की फसल के अवशेष (पराली) जलने पर कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। कार्रवाई के भय से संबंधित विभागों ने निगरानी बढ़ा दी है।
देखा जा रहा है कि कहीं पराली जलाई तो नहीं जा रही। अधिकारियों का दावा है कि जिला स्तर पर पराली जलाने से रोकने के लिए सेल गठित किया है। इसके साथ ही तहसील स्तर पर एसडीएम की अगुवाई में दस्ते बनाए गए हैं। लेखपालों व पंचायत सचिवों के साथ ग्राम प्रधानों को विशेष तौर पर जिम्मेदारी दी गई है।
कूड़े के ढेर में लगी मिली आग तो ली राहत की सांस
जेवर के मेवला गोपालगढ़ गांव में प्रशासनिक अधिकारियों को पराली जलाए जाने की सूचना मिली। आनन-फानन में प्रशासन की टीम मौंके पर निरीक्षण करने पहुंची। हालांकि मौंके पर कूड़े के ढेर में आग सुलगता देख अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि किसी ने कूड़े के ढेर में आग लगा दी थी। सूचना पर विभाग ने जांच की। इसकी सूचना शासन को भेज दी गई है। जिले में इक्का दुक्का स्थानों पर ही पराली जलाए जाने के मामले अभी तक सामने आए हैं। ऐसे किसानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
सेटेलाइट के जरिए जिले में पांच स्थानों पर पराली जलने की सूचना मिली। जांच के दौरान तीन स्थानों पर पराली जलाने का मामला सामने आया है। संबंधित किसानों को नोटिस जारी कर दिया गया है। किसानों को हिदायत दी गई है कि वे पराली न जलाएं।
विनोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी