वाराणसी: आईआईटी बीएचयू की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की पुलिस कुंडली खंगाल कर मामले में एक- एक करके खुलासा कर रही है। सूत्रों की मानें तो आरोपियों ने एक नवंबर की रात आरोपी कुणाल पांडेय अपनी बाइक से दोस्तों अभिषेक चौहान उर्फ आनंद और सक्षम पटेल के साथ चेतगंज की नक्कटैया मेला देखने गया था पुलिस को पूछताछ में तीनों ने बताया कि उन्होंने शराब पी रखी श्री नक्कटैया देखने के बाद तीनों ने बीएचयू में सिंह द्वार से प्रवेश किया और आईआईटी की ओर गए । तीनों ने सुनसान जगह देखकर बीटेक की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। फिर, हैदराबाद गेट से निकलकर बाईपास की ओर चले गए। लगभग आधा घंटे तक तीनों बाईपास की ओर रहे। इसके बाद सक्षम और अभिषेक को कुणाल ने उनके घर पर छोड़ा। रात 2:30 बजे के बाद कुणाल अपने घर पहुंचा था। आरोपियों ने घटना के दो दिन बाद ही शहर को छोड़ दिया था उसके बाद तीनों आरोपी मध्य प्रदेश में बीजेपी का चुनाव प्रचार के लिए चले गए थे।
आरोपियों को नहीं पता था कि युवती आईआईटी बीएचयू है छात्रा
पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि एक नवंबर की रात वारदात को उन्होंने अंजाम दिया। दो और तीन नवंबर को उन्होंने देखा कि घटना के विरोध में आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। इस पर तीनों डर गए और शहर छोड़कर मध्य प्रदेश चले गए। मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव प्रचार में लग गए। मतदान से पहले तीनों वापस शहर आए और गुपचुप तरीके से रहने लगे। वे आश्वस्त थे कि अब गिरफ्तार नहीं होंगे। पुलिस के मुताबिक, आरोपी कुणाल पांडेय शादीशुदा और भाजपा पार्षद का दामाद भी है। कुणाल के मुहल्ले के लोगों के अनुसार वह बौटेक पास है। तीनों ने कहा कि वह लोग रात में सड़क पर दिखाई देने वाली लड़कियों पर छींटाकशी करते हुए गुजरते थे। अक्सर बीएचयू परिसर जाते थे तीनों ने पुलिस से कहा कि उन्होंने यह नहीं सोचा था कि आईआईटी बीएचयू की छात्रा का मामला इतना तूल पकड़ेगा। तीनों को लगा था कि छात्रा डरकर किसी से नहीं बताएगी, चुपचाप हॉस्टल चली जाएगी।
घटना के बाद छह नवंबर को बीएचयू में छात्रों ने दिया धरना
वहीं जब घटना की जानकारी बीएचयू के छोत्रों को हुई तो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए धरना देना शुरु किया। सक्षम अभिषेक के घर के बाहर लगी नेम प्लेट हटी गिरफ्तार सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान के घर के बाहर लगा भाजपा और उसके पदाधिकारी का नेमप्लेट को रविवार की देर शाम हटा दिया गया। नेमप्लेट हटने के बाद इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं रहीं स्थानीय लोगों का कहना था कि दोनों के परिजनों ने पार्टी नेताओं के दबाव पर नेमप्लेट हटाए हैं।
चेतगंज इलाके में लगे 300 से ज्यादा सीसी कैमरों की जांच के बाद आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक लगभग 300 से ज्यादा सीसी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद तीनों आरोपी चार नवंबर को ही चिह्नित कर लिए गए थे। तीनों आरोपी चेतगंज इलाके के सीसी फुटेज से ही चिह्नित हुए हैं। दरअसल, तीनों वारदात को अंजाम देने के बाद हैदराबाद गेट से बाईपास की ओर भागे थे। उपद, मार्ग प्रकाश की खास व्यवस्था न होने की वजह से पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली। फिर, पुलिस ने एक नवंबर की रात एक बजे के बाद सिंह द्वार से बीएचयू में प्रवेश करने वाले दोपहिया वाहन सवार तीन युवकों की फुटेज खंगालना शुरू किया। पुलिस को सिगरा स्थित सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की मदद से एक बुलेट बाइक सवार तीन युवकों को धुंधली फुटेज मिली। इसी फुटेज के सहारे पुलिस लंका की ओर बढ़ते हुए चेतगंज तक पहुंची थी। चेतगंज इलाके में तीनों आरोपियों की साफ फुटेज मिली। पीड़िता को फुटेज दिखाई गई तो उसने तीनों को पहचान
पीड़ित छात्रा की तहरीर के आधार पर दो नवंबर की सुबह लंका थाने में तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ छेड़खानी, धमकाने और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था बाद में छात्रा ने विवेचक और मजिस्ट्रेट को बयान दिया कि उसका प्राइवेट पार्ट तीनों आरोपियों ने छुआ था। साथ ही उसे जबरन निर्वस्त्र कर बनाए गए वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने की धमकी दी थी। इस आधार पर दर्ज मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म और इलेक्ट्रॉनिक आरोपियों ने अपने सोशल साधनों से यौन उत्पीडन की धारा चढ़ाई गई थी अपलोड कर रखी है।
भाजपा के बड़े नेताओं के साथ फोटो, विपक्ष ने हमला बोला
गिरफ्तारी के बाद आरोपी भाजपा नेताओं की तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। आरोपियों की तस्वीर भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ है। इस पर विपक्ष ने भी हमला बोला है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अखिलेश यादव ने एक्स पर भाजपा के खिलाफ लिखा और पूछा कि ये कैसी जीरो टॉलरेंस की नीति है गिरफ्तार तीनों मीडिया अकाउंट पर बड़े-बड़े नेताओं के साथ फोटो आईआईटी बीएचयू की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के प्रकरण में कमिश्नरेट को पुलिस को कार्यशैली गंभीर सवालों के घेरे में रही पुलिस की कार्यशैली को लेकर चर्चाएं यह भी रहीं कि इस प्रकरण में वह शुरू से ही दबाव में थी इसी वजह से आरोपियों की गिरफ्तारी में इतनी देरी भी हुई।
उधर, तीनों आरोपी आराम से अपने रह रहे थे। जानकारों का कहना है कि पुलिस अपनी नाकामी का कलंक अब धुल सकती है। इसके लिए पुलिस पारदर्शी तरीके से मुकदमे की विवेचना जल्द पूरी कर अदालत में चार्जशीट दाखिल करे। इसके बाद अनुरोध कर मुकदमे का ट्रायल फास्ट कोर्ट में करा कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की बात कर रही है। फिलहाल तीनो आरोपियों को पुलिस ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।