नोएडा/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद जिले के निजी स्कूलों में छात्रों के कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया है। इसमें गाजियाबाद के दो निजी स्कूलों में पांच छात्र कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं नोएडा के एक निजी स्कूल में तीन कक्षाओं में कोविड संक्रमित छात्र मिले हैं। जिस कारण इन स्कूलो में अब कक्षाएं आनलाइन चलेंगी। दरअसल बच्चों में कोविड संक्रमण का खतरा इसलिए भी ज्यादा रहता है क्योंकि वो जरूरी सावधानियां बरतने में लापरवाही करते हैं।
नोएडा में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने बीच सेक्टर-40 स्थित एक निजी स्कूल में तीन कक्षाओं के छात्रों में कोरोना संक्रमित की पुष्टि हुई है। अचानक कोरोना संक्रमित पाए जाने से लोगों की चिंता बढ़ गई है। वहीं स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक कक्षा नौवीं के सेक्शन ई, 12 वीं के सेक्शन बी और सेक्शन डी में कुछ छात्र कोरोना संक्रमित मिले हैं।
इसके चलते 13 अप्रैल तक तीनों कक्षाओं की ऑफलाइन पढ़ाई बंद रहेगी। साथ ही इन तीनों कक्षाओं के अभिभावकों से अपील की है कि अगर किसी छात्र में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो उसको 18 अप्रैल को आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही स्कूल भेजें। असिम्प्टोमैटिक लक्षण वालों के लिए रैपिड टेस्ट अनिवार्य है। इन तीन कक्षाओं को छोड़कर शेष कक्षाएं और सेक्शन सुचारू रूप से चलते रहेंगे।
नोएडा से सटे गाजियाबाद में भी कोरोना संक्रमण के मामले रविवार को बढ़े हैं। इंदिरापुरम के अभय खंड- दो स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल के दो और वैशाली सेक्टर- छह स्थित केआर मंगलम वर्ल्ड स्कूल के तीन छात्र कोरोना संक्रमित हो गए हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दोनों स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्कूलों को सैनिटाइज कराया गया है। स्कूल प्रबंधन ने आनलाइन क्लासेज चलाने के लिए अभिभावकों को मैसेज भेजा है। जिले में अब कुल संक्रमितों की संख्या 30 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सभी मरीज खतरे से बाहर हैं और उनका होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. आरके गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। कोई भी लापरवाही संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है। इसमें अपने स्तर पर हर किसी को सतर्कता बरतने और कोविड गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं। ताकि समय रहते उपचार कराया जा सके और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुंबई व गुजरात में कोरोना वायरस के एक्सई वेरिएंट के 2 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इसके बाद लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। क्योंकि मौजूदा समय में लगभग सभी चीजें खुल चुकी हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी लगभग खत्म हो चुका है।
कोरोना का XE वेरिएंट
कोरोना का XE वेरिएंट ओमिक्रान का ही सब-वेरिएंट है। हालांकि चिंता की बात यह है कि एक्सई वैरिएंट ओमिक्रोन की तुलना में 10 गुना अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। बता दें कि अभी तक ओमिक्रान के दो रूप BA1, BA2 सामने आ चुके हैं। यह नया एक्सई वेरिएंट इन्हीं दोनों वेरिएंट से मिलकर बना बताया जा रहा है। कोरोना के इस वेरिएंट पर अभी एक्सपर्ट स्टडी कर रहे हैं।
क्या कहना है विश्व स्वास्थ्य संगठन का
अब तक ba2 को कोरोना वायरस रूपों में सबसे अधिक संक्रामक माना गया है। यह एक पैटर्न है जो ओमिक्रोन के ba1 और ba2 के स्वरूपों में परिवर्तन से बनता है। प्रारंभिक अध्ययनों के अनुसार ‘XE’ वैरिएंट की ba2 की तुलना में 9.8% की वृद्धि दर है। जांच के दौरान इसकी पहचान करना भी मुश्किल है। इसलिए इसे स्टील्थ वेरिएंट कहा जाता है।
दिल्ली में कोरोना के 141 नए मामले, एक मरीज की मौत
राजधानी दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 1.55 प्रतिशत से घटकर 1.29 प्रतिशत हो गई है। फिर भी पिछले कई दिनों से संक्रमण दर एक प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। इस वजह से रविवार को कोरोना के 141 नए मामले आए और 113 मरीज ठीक हुए। ठीक होने वाले मरीजों की तुलना में नए मामले अधिक आने के कारण सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 600 से अधिक हो गई है। वहीं 24 घंटे में कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। दिल्ली में ओमिक्रोन का पहला मामला पिछले साल पांच दिसंबर को सामने आया था। इसके बाद से अब तक कोरोना के कुल चार लाख 24 हजार 948 मामले आ चुके हैं।