नई दिल्ली। देश के हिला देने वाले श्रद्धा हत्याकांड के ट्रायल के लिए मजिस्ट्रियल कोर्ट ने केस को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। मजिस्ट्रियल कोर्ट का कहना है कि दस्तावेजों की जांच पूरी हो चुकी है और IPC की धारा 302 विशेष रूप से सत्र न्यायालय द्वारा सुनवाई के लिए है। हाल ही में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
24 फरवरी को अदालत में होगी आफताब की पेशी
मंगलवार को साकेत जिला न्यायालय परिसर की मजिस्ट्रेट अदालत ने श्रद्धा हत्याकांड को सुनवाई करते हुए कार्यवाही के लिए केस को सत्र न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने कहा कि दस्तावेजों की जांच अब पूरी हो गई है… क्योंकि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध एक सत्र न्यायाधीश को सुनने का अधिकार है। साथ ही मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि आरोपी को 24 फरवरी, 2023 को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।
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इससे पहले कोर्ट ने इस केस में आफताब पूनावाला के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। पुलिस ने 24 जनवरी को हत्या के मामले में आफताब के खिलाफ लंबी-चौड़ी 6 हजार पेजों से ज्यादा की चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट IPC की धारा 302, 201 और अन्य धाराओं के तहत अदालत में दायर की गई है।
पुलिस ने नार्को, पॉलीग्राफ टेस्ट को भी बनाया सबूत
पुलिस ने मामले में तेजी से जांच पूरी करते हुए 90 दिनों से पहले आफताब पर आरोप दायर किया था। जांच के दौरान, दिल्ली पुलिस ने आफताब के खिलाफ आरोपों को स्थापित करने के लिए नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया और डीएनए सबूत एकत्रित किए।
आरोपी ने शव के किए कई टुकड़े
बता दें कि आफताब पर मई 2022 में महरौली इलाके में अपने किराए के घर में अपनी लिव-इन पार्टनर की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को टुकड़े करने का आरोप है। आफताब में कथित रूप से श्रद्धा के शव को 35 टुकड़ों में काट कर अलग-अलग जगह पर फेंक दिए।
अदालत ने खारिज की जमानत याचिका
वहीं, पुलिस ने आरोपी की आवाज का नमूना लेने के लिए अनुमति मांगते हुए, विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद ने अदालत के सामने पेश करते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए यह आवश्यक है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस के पास मामले से जुड़े कुछ वीडियो और ऑडियो थे। पुलिस उस सबूत की जांच के लिए आफताब की आवाज का नमूना लेना चाहती थी। इससे पहले साकेत कोर्ट ने आफताब पूनावाला की जमानत याचिका वापस लेने के बाद खारिज कर दी थी।