गाजियाबाद। पिता की विरासत में नाम दर्ज कराने के नाम पर पंद्रह हजार रुपये की रिश्वत के एवज में लेखपाल द्वारा युवक से सरकारी आवास पर पुताई कराने का मामला सामने आया है। मामले में युवक के समर्थन में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग एसडीएम को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।
गांव सैदपुर हुसैनपुर डीलना के सिकंदर के माता-पिता की कोरोना काल में मौत हो गई थी। तभी से वे पिता की जमीन में अपना नाम दर्ज कराने के लिए तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। सिकंदर के मुताबिक लेखपाल ने सिकंदर को भरोसा दिया कि पिता की विरासत में नाम दर्ज करा देगा। लेकिन, इस एवज में पंद्रह हजार रुपये रिश्वत मांगी। लेकिन, सिकंदर ने आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला दिया।
ऐसे में लेखपाल ने उनके सामने दो सरकारी आवास पर पुताई करने की शर्त रखी। लेखपाल की बातों में आकर सिंकदर ने पुताई शुरू कर दी। दस दिन में काम पूरा कर जब सिकंदर लेखपाल से मिलने पहुंचे तो पता चला कि लेखपाल को ट्रांसफर हो गया है। सिकंदर खोजते हुए लेखपाल तक पहुंचे लेकिन, लेखपाल ने ट्रांसफर होने की बात कहकर सिकंदर को टरका दिया।
सिकंदर ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर सरकारी आवास पर पुताई की थी। नाम विरासत में दर्ज हुआ ही नहीं, साथ की कर्ज का बोझ भी बढ़ गया। इस मामले में एसडीएम शुभांगी शुक्ला का कहना है कि शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है। लेखपाल से पूछताछ की जाएगी। किसी के साथ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा। उधर, पीड़ित ने मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।