नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जीवाड़ा के आरोप में शातिर ठग सुरेंद्र यादव को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने फर्जी संपत्ति व व्यावसायिक दस्तावेजों के आधार पर एसबीआइ बैंक, सिंडिकेट बैंक व जम्मू एंड कश्मीर बैंक से 24 करोड़ का क्रेडिट लोन लेकर उक्त बैंकों को चूना लगाया। उसने तीनों बैंकों के पास एक ही फर्जी संपत्ति के दस्तावेज गिरवी रखी। मुकदमा दर्ज होने के बाद 2016 से आरोपित फरार चल रहा था। दिल्ली पुलिस ने उसपर 25 हजार का ईनाम घोषित कर रखा था।
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश देव के मुताबिक सुरेंद्र यादव, गांव-पीठनवास, रेवाड़ी, हरियाणा का रहने वाला है। कोर्ट ने उसे भगोड़ा भी घोषित कर दिया था। इंस्पेक्टर जय प्रकाश की टीम को भगोड़ा अपराधी सुरेंद यादव के बारे में सूचना मिली थी। तकनीकी निगरानी में पाया गया कि आरोपित लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। वह बेंगलुरु, उत्तराखंड, सहारनपुर, यूपी व हरियाणा आदि राज्यों में घूम रहा था। लोकेशन के आधार पर पुलिस टीम ने उत्तराखंड, सहारनपुर आदि कई जगहों पर सुरेंद्र की तलाश में छापेमारी की लेकिन वह नहीं मिला। एक मार्च को एसआई सम्राट को सूचना मिली कि सुरेंद्र, रेवाड़ी में नया ठिकाना बना रखा है। एसीपी संतोष कुमार,निरीक्षक जय प्रकाश, एसआई सम्राट खटियान, हवलदार सुधीर की टीम ने वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया।
यह थी घटना
2010 में अनीता यादव और सुरेंद्र यादव ने वित्तीय सहायता के लिए एसबीआई बैंक की चांदनी चौक शाखा में संपर्क किया था। दंपती ने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्रेडिट लोन की मांग की थी। उन्होंने खुद को प्रगति एसोसिएटस का मालिक बताया था। संपत्ति गिरवी रख बैंक ने उन्हें 24 करोड़ क्रेडिट लोन दे दिया। आरोपितों ने आवश्यकता अनुसार क्रेडिट लोन का लाभ उठाया, लेकिन बैंक को कभी लोन नहीं चुकाया। एसबीआई बैंक ने जब दंपती द्वारा जमा किए गए संपत्ति के दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि उनके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति के दस्तावेज पहले से ही सिंडिकेट बैंक और जे एंड के बैंक के पास गिरवी रखे हुए थे। संपत्ति भी विवादित पाई गई। जिसके बाद भारतीय स्टेट बैंक के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक की शिकायत पर 2016 मेंं दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। केस दर्ज होने के बाद दोनों फरार हो गए थे। 28 फरवरी 2020 को दोनों को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने भी दंपती पर 25-25 हजार ईनाम रख दिया था।
सुरेंद्र यादव बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग और फाइनेंस में एमबीए किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने एक निजी कंपनी में काम किया, लेकिन कुछ समय बाद ही उसने नौकरी छोड़ दी और प्रॉपर्टी डीलिंग व कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर दिया था। 1994 में उसने अनीता यादव से शादी की। 2004 में दोनों ने अपनी प्रगति एसोसिएटस फर्म के लिए चीन से बिजली के सामान आयात करना शुरू कर दिया। शुरू में कारोबार अच्छा चला। कारोबार के विस्तार के लिए उन्होंने एक फर्जी संपत्ति गिरवी रख पहले सिंडिकेट बैंक से कर्ज लिया। बाद में उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक से संपर्क किया, क्योंकि उक्त बैंक ने अधिक लोन सुविधा की पेशकश की। पुलिस अब अनीता यादव की तलाश कर रही है।