ग्रेटर नोएडा : सोसायटी के सीवरेज को शोधित किए बिना बरसाती नाले में गिराने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक के ईको विलेज वन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही सोसायटी के सीवरेज को शीघ्र शोधित न कराने पर लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी है।
ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल पर बनी सोसायटियों, संस्थानों व प्रतिष्ठानों को खुद का एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाना और उसे चलाना अनिवार्य है। सोसायटी से निकलने वाले सीवरेज को एसटीपी से शोधित करने के बाद उसका इस्तेमाल सिचाई, निर्माण आदि कार्यों में होना चाहिए। सुपरटेक ईको विलेज वन सोसायटी के सीवरेज को बिना शोधित किए बरसाती नाले में गिराया जा रहा था। प्राधिकरण के सीवर विभाग ने जल प्रदूषण को देखते हुए बिल्डर को सीवरेज का शोधन तत्काल शुरू कराने को कहा था, न मानने पर प्राधिकरण ने कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि तत्काल शोधन शुरू न किया तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सीवर विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी सोसायटी, संस्थान व प्रतिष्ठान सीवरेज को शोधित किए बिना नाले में डालने की कोशिश की तो उस पर कठोर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही आक्यूपेंसी व कंपलीशन सर्टिफिकेट रद करने और एफआइआर दर्ज कराने की भी कार्रवाई की जाएगी। 46 बिल्डर पर लग चुका जुर्माना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक 46 बिल्डर सोसायटियों पर करीब तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। सीवरेज को शोधित किए बिना बरसाती नाले में गिराने से न सिर्फ जल प्रदूषण फैल रहा है, बल्कि एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन हो रहा है। सीवरेज को शोधित करना अनिवार्य है। ऐसा न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– नरेंद्र भूषण, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण