दिल्ली में विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे और आखिरी दिन भी जमकर हंगामा देखने को मिला है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सत्र शुरू होते ही मणिपुर में हिंसा का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. दूसरी ओर विधानसभा में विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायक इसका विरोध करने लगे. जिसके बाद उपसभापति राखी बिड़लान ने बीजेपी विधायक जितेंद्र महाजन, अभय वर्मा, ओपी शर्मा और अनिल वाजपेई को मार्शल आउट कर दिया.
इसके बाद बीजेपी के नाराज सभी आठ विधायक विधानसभा में मुख्यमंत्री दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. विधायकों का कहना है कि विधानसभा से जबरदस्ती बाहर कर उनके साथ ज्यादती की जा रही है. उपसभापति को ऐसा नहीं करना चाहिए. वो भी विधायक चुनकर आए हैं और ऐसे में उनके पास भी दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का अधिकार है.
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वहीं, सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मणिपुर में हिंसा की इतनी बड़ी घटना हुई है और पीएम चुप रहे. 60 हजार लोग बेघर हुए, 350 धार्मिक स्थल जला दिए गए 4000 लोगों के घरों को जला दिया गया और पीएम चुप रहे. तीन महीने में 6500 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी है. लोग प्रधानमंत्री को रोज याद नहीं करते हैं, पीएम को तब याद किया जाता है जब सारे सिस्टम फेल हो जाते हैं. मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया फिर भी पीएम चुप रहे.
‘तीन महीने से हिंसा चल रही है और पीएम चुप बैठे हैं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा को लेकर शांति की अपील तक नहीं करते हैं. यही हाल देश की महिला पहलवानों के साथ हुआ. पीएम मोदी पूरे मामले पर चुप रहे. एक अपील तक नहीं की. चीन के साथ-साथ भी कुछ ऐसा ही रहा. चीन को लेकर पीएम मोदी एक शब्द नहीं बोलते हैं. चीन के राष्ट्रपति भारत आते हैं तो पीएम मोदी उनके साथ-साथ हाथ में हाथ मिलाकर घुमते हुए नजर आए थे. ये लोग (बीजेपी) पानी पीकर जवाहरलाल नेहरू को गालियां देते हैं. कम से कम उन्होंने चीन के साथ आंख में आंख डालकर बात तो करते थे.
AAP बोली- संसद में चर्चा करते नहीं तो फिर कहां करें?
सत्र में आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि आप लोग संसद मणिपुर हिंस को लेकर संसद में भी चर्चा नहीं करते हैं यहां भी चर्चा नहीं करने दे रहे हैं तो आखिर बताचीत क्या की जाए? आप ये कहने लगते हैं कि मणिपुर कोई विषय नहीं है.
वहीं, सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विरोध किया. बिष्ट ने कहा कि आप लोगों का तरीका सही नहीं है. आप लोग बहुमत में है तो किसी का भी गला घोंट देंगे, आप हमारी आवाज को नहीं दबा सकते हैं.