दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद पूरे एनसीआर में एक अक्टूबर से डीजल जेनरेटर पर रोक लगने जा रही है। एक अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू होने जा रहा है। इसके तहत हाईराइज सोसाइटी, मॉल और अस्पतालों और इंडस्ट्री में ऐसे जेनरेटर को ही चलाने की इजाजत होगी जो पीएनजी या बायो फ्यूल पर चलते हो।
नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम एसपी सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर को ग्रेप लागू किया जा रहा है। इसमें डीजल जनरेटर और वायु प्रदूषण कारकों को बढऩे से रोका जाता है। नोएडा में इसके लिए कई अहम फैसले लिए जा रहे है। इस क्रम में सोसाइटियों को नोटिस जारी किए गए है। सभी 95 सोसाइटी को 30 सितंबर तक जनरेटर को डियूल फ्यूल में कंवर्ट कराना ही होगा। बगैर इसके यदि वे जनरेटर चलाते है तो हमे सीलिंग की कार्यवाही करनी होगी। बता दे नोएडा में अब भी कई ऐसी सोसाइटी है जहां बिजली का स्थाई कनेक्शन नहीं है। वहां जनरेटर से ही सप्लाई की जा रही है। ऐसे में वहां रहने वाले निवासियों को दिक्कत होगी।
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श्री सिंह ने बताया कि इसके लिए प्राधिकरण के प्रबंधक आरके शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया जा रहा है। इनकी अगुवाई में कई टीमों का गठन किया जा रहा है। ये टीम 1 अक्टूबर से सोसइटी का निरीक्षण करेंगी। जहां भी जनसेट चलता मिला उसके खिलाफ मौके पर ही एक्शन लिया जाएगा। इसे अंतिम नोटिस ही माना जाए। इसके बाद न तो नोटिस जारी किया जाएगा और न ही समय।
नोएडा की सोसाइटी में पावर बैकअप के लिए जनरेटर का प्रयोग किया जाता है। यहां रहने वाले निवासियों से इसके एवज में 25 से 30 रुपए या इससे अधिक रुपए प्रति यूनिट ली जाती है। यहां तभी जनरेटर चलते है जब बिजली सप्लाई नहीं होती। हालांकि पिछली बार भी जनसेट को डियूल जनरेटर में कंवर्ट कराने के लिए कहा गया था। लेकिन नियम के तहत सोसाइटी ने ऐसा नहीं किया।
प्रदूषण से जुड़े सभी मामलों से निपटने के लिए प्राधिकरण ने हाल ही में अपना पर्यावरण एनवारमेंटल सेल बनाया है। डीजीएम ने बताया कि जो भी टीम बनेगी इसी सेल की गाइडेंस के अनुसार अपना काम करेगी। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।