नॉएडा। किडनी ट्रांसप्लांट कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली में प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाले चिकित्सक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने एक व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए 8 लाख लिए थे। पुलिस फरार साथी की तलाश में जुटी है।
सेक्टर-31 निवासी अहमद खान ने बीती 24 मई को सेक्टर 20 थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके 52 वर्षीय भाई सफीक किडनी की बीमारी से ग्रसित थे। उनका उपचार कर रहे चिकित्सकों ने उनकी किडनी बदलवाने की सलाह दी थी। इस दौरान उनकी मुलाकात उनके पड़ोस में ही रहने वाले अब्दुल गफ्फार नामक व्यक्ति से हुई। उसने उन्हे किडनी दिलाने का आश्वासन दिया और उनकी मुलाकात नोएडा सेक्टर 19 निवासी डॉक्टर बुलंद अख्तर से कराई। आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर बुलंद और अब्दुल ने उन्हें उनके भाई के लिए किडनी का इंतजाम कराने की बात कही और इसकी एवज में उनसे 8 लाख रुपये ले लिए।
बताया गया है कि इसके बाद 2019 में उपचार के दौरान उनके भाई सफीक की मौत हो गई। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने पैसे लेने के बाद भी किडनी नहीं दिलाई और ना ही पैसे वापस दिया। मंगलवार को पुलिस टीम ने जांच के बाद तिलक बाजार लाहोरी गेट दिल्ली से आरोपी चिकित्सक डॉक्टर बुलंद अख्तर को गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है कि आरोपी चिकित्सक का दिल्ली के चांदनी चौक में प्राइवेट क्लीनिक है। पुलिस जानकारी करने में जुटी है कि इन लोगों ने अब तक कितने लोगों के साथ इस तरह से धोखाधड़ी की है।
दस लाख मांग रहे थे
पीड़ित ने बताया है कि किडनी का इंतजाम कराने के लिए पहले उनसे 10 लाख रुपये की मांग की गई। इसके बाद सौदा आठ लाख में तय हुआ। पीड़ित अहमद खान ने नगद व बैंक अकाउंट के माध्यम से अब्दुल गफार तथा डॉक्टर बुलंद अख्तर को आठ लाख रुपए दिये थे।
पहले भी पकड़े गए गिरोह
इससे पहले भी नोएडा में अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण के कई मामले सामने में चुके हैं। इसी वर्ष जनवरी माह में थाना फेज-3 पुलिस ने बांग्लादेश से लोगों को भारत में लाकर अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण कराने का खुलासा किया था। इस मामले में भी बांग्लादेश तथा बिहार के कुछ लोग गिरफ्तार हुए थे।