न्यूयॉर्क, दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच धरती से दूर स्पेस में आज एक बड़ी खगोलीय घटना होने वाली है। अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा(National Aeronautics and Space Administration) ने अलर्ट जारी कर बताया है कि 24 जुलाई को170 मीटर बड़ा एक उल्का पिंड(एस्टेरॉयड) पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। इस उल्का पिंड का नाम ‘एस्टेरॉयड 2020 एनडी(Asteroid 2020 ND)’ रखा गया है। यह उल्का पिंड, काफी तेज रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेगा।
नासा की ओर से जारी चेतावनी के अनुसार, उल्का पिंड-एस्टेरॉयड 2020 एनडी(Asteroid 2020 ND) 48,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। यह उल्का पिंड पृथ्वी से करीब .034 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (50 लाख 86 हजार 328 किलोमीटर) दूर से होकर गुजरेगा। यह उल्का पिंड 170 मीटर बड़ा बताया जा रहा है। इसको लेकर नासा ने पूर्व चेतावनी जारी कर दी है। नासा ने अपने बयान में इस उल्का पिंड(एस्टेरॉयड) की व्याख्ता करते हुए कहा है कि पृथ्वी से इस उल्का पिंड की दूरी इसे संभावित रूप से खतरनाक बनाती है।
नासा ने कहा है कि 0.05 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट या उससे कम की दूरी से पृथ्वी के पास से गुजरने वाले उल्का पिंड(एस्टेरॉयड) खतरनाक होते हैं। एस्टेरॉयड 2020 एनडी(Asteroid 2020 ND) पृथ्वी से करीब .034 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट (50 लाख 86 हजार 328 किलोमीटर) दूर से गुजरेगा। लेकिन नासा ने कहा है कि यह जरूरी नहीं है कि इसका असर पृथ्वी पर पड़ेगा। नासा ने यह भी कहा कि भले ही उल्का पिंड को PHA के रूप में वर्गीकृत किया गया हो, लेकिन यह पृथ्वी पर जरूरी प्रभाव नहीं डालेगा। इसका मतलब केवल यह है कि इस एस्टेरॉयड से खतरे की संभावना है।
छोटे उल्का पिंडों से धरती को खतरा नहीं
द प्लेनेटरी सोसायटी के मुताबिक, अंतरिक्ष(स्पेस) में तीन फीट के लगभग एक अरब उल्का पिंड(एस्टेरॉयड) मौजूद है, लेकिन इनसे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है। 90 फीट या उससे बड़े उल्का पिंडो के पृथ्वी से टकराने पर नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। एक आंकड़े के मुताबिक, हर साल करीब 30 छोटे उल्का पिंड धरती से टकराते हैं लेकिन पृथ्वी को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।