नोएडा: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा जनपद गौतम बुध नगर के सेक्टर 20 थाने में कार्यरत मुख्य आरक्षी अब्दुल गफ्फार का गौतम बुध नगर से बागपत किया गया स्थानांतरण कानून के विरुद्ध मानते हुए निरस्त किया । यह आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने थाना सेक्टर 20 नोएडा जनपद गौतम बुध नगर में तैनात मुख्य आरक्षी अब्दुल गफ्फार की याचिका पर दिया है ।
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि याचिका स्थान तरण पुलिस महा निरीक्षक मेरठ परी क्षेत्र मेरठ के आदेश द्वारा दिनांक 26 3 2018 को सीमावर्ती जनपद में नियुक्त होने के कारण गौतम बुध नगर से जनपद बागपत में किया गया है जो की न्याय संगत नहीं है एवं कानून के विरुद्ध है उप आदेश के परिपेक्ष में याची को अप्पर पुलिस आयुक्त मुख्यालय गौतम बुध नगर द्वारा दिनांक 28 07 2020 को कार्यमुक्त कर दिया गया था स्थानांतरण आदेश दिनांक 26 जून 2018 एवं कार्य मुक्ति के आदेश दिनांक 18 07 2020 को याचिकाकर्ता ने माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कोर्ट में तर्क दिया कि स्थानांतरण आदेश वर्ष 2018 में पारित किया गया है एवं उक्त स्थान तरण आदेश का क्रियान्वयन 2 वर्ष बाद अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय गौतम बुध नगर द्वारा 18 07 2020 को कोविड-19 करोना महामारी के मध्य किया गया याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि स्थानांतरण आदेश के अनुपालन में 2 वर्ष बाद कार मुक्ति का आदेश बिना एप्लीकेशन ऑफ माइंड तथा बिना सेवाओं के आवश्यकता को देखते हुए पारित किया गया है जो कि नियम के विरुद्ध है 2 वर्ष बाद कार्य मुक्ति का आदेश पारित करना महत्वहीन है तथा न्यायोचित नहीं है एवं निरस्त होने योग्य है माननीय न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सभी तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए स्थानांतरण आदेश एवं कार्यमुक्त के आदेश को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया है।