नीरज शर्मा की खबर
बुलंदशहर। नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मां दुर्गा के चौथे रूप में मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई। वहीं, मां के मंगला दर्शन के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ भी रही। जबकि, अधिकांश श्रद्धालुओं ने कोरोना काल के दौरान घर पर पूजा-अर्चना की।
नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। घंटे-घडिय़ाल की ध्वनि के बीच श्रद्धालुओं ने माता की पूजा-अर्चना की। माता की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक व कपूर की बाती प्रज्जवलित की और लौंग, मिष्ठान, मेवा, फल व पुष्प अर्पित किए। माता को लाल चुनरी ओड़ाई और श्रृंगार का सामान अर्पित कर मां दुर्गा की आरती और चालीसा का पाठ किया। घरों पर भी श्रद्धालुओं ने पूजन किया और फल, मेवे आदि का भोग लगाकर अज्ञारी पूजन किया। पंडित गिरिश चंद्र शर्मा ने बताया कि चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां का यह स्वरूप सृष्टि विस्तार के लिए जाना जाता है। मां ने शाकुंभरी रूप धर कर धरती को शाक से पल्लवित किया और शताक्षी बनकर असुरों का संहार किया। मां ने इस स्वरूप में ही ईशत हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इस दौरान नगर के देवी मंदिरों में सुबह-शाम श्रद्धालुओं की भीड़ रही। वहीं, अहार क्षेत्र के देवी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की गई।