लापरवाही की हद
बुलंदशहर से एक बार फिर आवारा पशुओं को लेकर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही, और ग्रामीणों का कारनामा सामने आया है।
यहां जहां पालिका अधिकारी आवारा पशुओं को पकड़कर अस्थायी गोशाला में पहुंचाने में नाकाम दिखे, तो वहीं ग्रामीणों के कारनामें की वजह से प्राइमरी स्कूल के छोटे-छोटे मासूम छात्र-छात्राओं सड़क पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं।
ये घटना है बुलंदशहर के अनूपशहर थाना क्षेत्र के खलौर गाँव की,
तस्वीरों में देखिए किस तरह नौनिहाल सड़क पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।
वैसे तो ये मासूम ग्रामीणों द्वारा किए गए कारनामे की वजह से यहां बैठे हैं, लेकिन इसमें एक बड़ी लापरवाही अनूपशहर ब्लॉक के लापरवाह अधिकारियों की भी है।
सरकार से मिली थी मोटी बजट
दरअसल सीएम योगी का सख्त और स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी तरह किसानों की फसल को बर्बाद करने वाले आवारा पशुओं को जल्द से जल्द गौशाला पहुंचाया जाए, जिसके लिए शासन से एक मोटा बजट भी हर जनपद के लिए दिया गया है, वहीं बुलंदशहर जिलाधिकारी की ओर से भी बुलंदशहर की तमाम न्याय पंचायतों में अस्थायी गोशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है।जबकि डीएम के सभी नगर पालिका व नगर पंचायत अधिकारियों को सख्त निर्देश हैं कि आवारा पशुओं को अस्थायी या स्थाई गोशाला पहुंचाया जाए।
अधिकारियों की भी लापरवाही
लेकिन कहीं ना कहीं अनूपशहर के ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही वजह से किसान तो परेशान हैं ही, लेकिन साथ ही किसानों द्वारा अपनी फसल को बचाने के लिए जो भी कारनामे किए जा रहे हैं उनसे भी लोग काफी हद तक परेशान हैं।
खलौर के ग्रामीणों ने भी अपनी फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए, आवारा गोवंशों को पकड़कर गाँव में स्तिथ प्राईमरी स्कूल बन्द कर दिया, जिसके चलते स्कूली में पढ़ने वाले नौनिहाल सर्दी के इस मौसम में सड़क पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।
बच्चों को स्कूल में बिठाने के आदेश
खलौर गाँव में स्तिथ इस प्राइमरी स्कूल में आवारा पशु बन्दकर ताला डालने की ख़बर मीडिया में आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया, अनूपशहर एसडीएम ने तत्काल बीडीओ, और थाना प्रभारी को मौके पर भेजकर गौवंशों को स्कूल से बंधन मुक्त कराने, और बच्चों को स्कूल में बिठवाने के आदेश दिए।
होती रहती हैं ऐसी घटनाएं
ये पहली बार नहीं जब किसानों द्वारा आवारा पशुओं को कहीं बन्द करने का मामला सामने आया हो।
लेकिन अब देखना ये होगा की इस ख़बर पर प्रशासन किस तरह संज्ञान लेता है, और कब तक बुलंदशहर में घूमने वाले आवारा गोवंशों को पकड़कर गौशाला पहुंचाता है ?