नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने नए मानक तय किए हैं। वायु प्रदूषण को बढऩे से रोकने के लिए अब कोल्हू संचालकों को चिमनी लगानी होगी। वहीं, आबादी से ५०० मीटर की दूरी पर कोल्हू का संचालन हो सकेगा। मानकों का उल्लंघन करने पर सीपीसीबी द्वारा जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पूर्व ही कोल्हू और क्रेशर का संचालन शुरू हो जाता है। पूर्व में कोल्हू पर ईंधन के रूप में प्लास्टिक और रबड़ का प्रयोग किए जाने से प्रदूषण में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। इस वर्ष वायु प्रदूषण को बढऩे से रोकने के लिए सीपीसीबी ने नई गाइड लाइन जारी की है। जिससे वायु प्रदूषण न बढ़े। नई गाइड लाइन के अनुसार संचालकों को १० मीटर ऊंचाई पर चिमनी लगानी होगी, पॉलिथीन जलाने पर सख्त कार्रवाई होगी, कोल्हू संचालन में प्रतिबंधित ईधन का प्रयोग नहीं होगा, आबादी से कम से कम ५०० मीटर की दूरी होना अनिवार्य, भट्टियों से वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए समुचित व्यवस्था करनी होगी आदि शामिल हैं। इसके अलावा मानकों के उल्लंघन पर बंदी और पर्यावरण क्षतिपूर्ति की कार्रवाई संचालकों के खिलाफ की जाएगी।
जिले में कोल्हू का संचालन सीपीसीबी द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार ही होगा। नियमों की अनदेखी करने पर संबंधित पर बंदी और जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। – आशुतोष चौहान, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी