नोएडा : फर्जी वीजा बनाकर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो आरोपितों को शनिवार को सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की पहचान पूर्वी दिल्ली निवासी मुकेश कुमार और मेरठ निवासी पीयूष पांडेय के रूप में हुई है। आरोपितों के कब्जे से 15 नेपाली पासपोर्ट, 15 फर्जी वीजा, एक भारतीय पासपोर्ट और फर्जी वीजा, दस स्टांप मोहर अलग-अलग कंपनी की, तीन पैन ड्राइव,एक लैपटाप, पांच मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, दो निर्वाचन आईडी कार्ड,दो एटीएम कार्ड, 4200 रुपये की नकदी और यूरो रशियन कंपनी का आइडी कार्ड बरामद हुआ है। आरोपित भारत और नेपाल में रहने वाले लोगों को विदेश भेजने का झांसा देते थे और पासपोर्ट और वीजा के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी कर फरार हो जाते थे। एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि बंगाल निवासी शिवा शर्मा ने सेक्टर-20 कोतवाली में शिकायत की थी कि सेक्टर-27 के रहने वाले मुकेश कुमार और पीयूष पांडेय ने कई लोगों से पुर्तगाल सहित अन्य देशों में नौकरी लगवाने की बात कहकर संपर्क किया और नकली पासपोर्ट और वीजा बनाकर लाखों की ठगी की। कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी के लिए आरोपितों ने देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा नेपाल में भी एजेंट बनाए हुए हैं। आरोपित अलग-अलग नाम से अलग-अलग जगह पर कंपनी का दफ्तर खोलते हैं और दर्जनों लोगों से धोखाधड़ी करने के बाद दफ्तर बंद कर फरार हो जाते हैं। कुछ समय बाद दूसरी जगह पर दफ्तर खोल देते हैं। छह लोगों के साथ की थी ठगी:
पीड़ित शिवा ने बताया कि वह और उसके पांच साथी नौकरी के लिए पुर्तगाल जाना चाहते थे। इसी दौरान एजेंट के माध्यम से पीड़ित ने आरोपितों से संपर्क किया। आरोपितों ने प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से तीन लाख 85 हजार रुपये की मांग की। एडवांस के तौर पर पीड़ितों ने आरोपितों के खाते में एक लाख 40 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। सभी छह लोगों से पासपोर्ट संबंधी दस्तावेज आरोपितों ने ले लिए और पीड़ितों के मोबाइल पर वीजा और टिकट भेज दिया। जांच में पता चला कि वीजा और टिकट फर्जी था। आरोपितों ने सात महीने पहले सेक्टर-63 में यूरो एशियन इमिग्रेशन नाम की कंपनी खोली थी। दर्जनों लोगों से धोखाधड़ी करने के बाद आरोपितों ने वहां से कंपनी बंद कर दी और सेक्टर-27 में दफ्तर खोला।v