लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोक भवन में होने वाली कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है।
गौरतलब है कि प्रदेश में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक व व्यावसायिक शिक्षा विभागों तथा अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के अधीन शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों व प्राचार्यों के रिक्त पदों पर चयन के लिए राज्य सरकार उप्र शिक्षा सेवा आयोग का गठन करना चाहती है।
3 साल का होगा सदस्यों का कार्यकाल
कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई जा सकती है। नए आयोग में एक अध्यक्ष व 11 सदस्यों की नियुक्ति का प्राविधान प्रस्तावित है। सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। फिलहाल इसके गठन से अब विभागों में अलग-अलग आयोगों से भर्ती की बजाय एक आयोग के माध्यम से भर्ती की जाएगी।
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उप्र राजस्व संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को भी कैबिनेट मंजूरी दे सकती है। जल निगम (नगरीय) के समूह ””ग के 270 कर्मचारियों को निकायों में समायोजित करने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया जा सकता है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के लगभग एक दर्जन प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। मंत्रियों के साथ वह 22 जुलाई को प्रस्तावित वृहद पौधारोपण के बारे में चर्चा करने के साथ ही भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र की बची हुई घोषणाओं को पूरा करने के बारे में विचार मंथन करेंगे।