अफ्रीकी देश नाइजर में सैनिकों ने बुधवार (26 जुलाई) की देर रात राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम का तख्तापलट कर दिया। सैनिकों ने राष्ट्रपति बजौम को सत्ता से हटाने का दावा किया। नाइजर सैनिकों की घोषणा के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे कुलीन गार्ड ने बजौम को उनके आधिकारिक आवास से हिरासत में लिया। वहीं गिरफ्तारी के एक दिन बाद गुरुवार को नाइजर के राष्ट्रपति ने घोषणा की कि देश में लोकतंत्र कायम रहेगा।
बुधवार को विद्रोही सैनिकों ने देश की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर उन्हें हिरासत में ले लिया था और घोषणा की थी कि उन्होंने तख्तापलट कर दिया है। राजधानी नियामे में कई लोग सामान्य रूप में अपना कामकाज किया लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि देश का नियंत्रण किसके हाथ में है। सैन्य कमान की ओर से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि यह ‘जानलेवा टकराव को रोकने के लिए तख्तापलट का समर्थन करेगा जिससे ‘रक्तपात’ हो सकता है।” हालांकि, इसकी पुष्टि करना फिलहाल संभव नहीं है कि यह बयान असली है।
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इस बीच, ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति मोहम्मद बेजौम को कई राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है। वह 2021 में पहले शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण में राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘‘कठिनाई से मिली उपलब्धि को सुरक्षित रखा जाएगा। लोकतंत्र एवं स्वतंत्रता से प्यार करने वाले देश के लोग इसे देखेंगे।” विदेश मंत्री हसौमी मस्सोदोउ ने भी न्यूज नेटवर्क फ्रांस 24 पर ऐसा ही बयान जारी किया और कहा, ‘‘नाइजर के सभी लोकतांत्रिक देशभक्त नागरिक एक होकर खड़ा हो जाएं और इस अराजक कार्रवाई को ना कहें।”