नोएडा। सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावर में दस अप्रैल को विस्फोट परीक्षण कराया जाएगा। इसकी तैयारी तेज हो चुकी है। ऐसे में टावर में बने पिलर पर जियो टेक्सटाइल फाइबर की कोटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें 10 किलो विस्फोटक लगाया जाएगा। विस्फोट परीक्षण केवल पांच पिलर में किया जाएगा। हालांकि फाइनल ध्वस्तीकरण 22 मई को होना है, जिसके लिए दोनों टावर में बनने वाले सात हजार होल में जियो टेक्सटाइल फाइबर की कोटिंग शुरू कर दी गई है। एडफिस कंपनी की ओर से की गई दोनों टावर के तीन हजार मीटर के एरिया में मार्किंग पर होल किया जा रहा है। इन होल में वायरों को निकालकर पूरे पिलर को जियो टेक्सटाइल फाइबर से कवर किया जा रहा है।
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यदि बारिश होती है तो न तो दीवारों पर नमी आएगी और न ही किसी प्रकार का फंगस इस पर लगेगा। इससे विस्फोट करने में परेशानी नहीं होगी। टावरों के ब्लास्ट में नान इलेक्टि्रकल केबल का प्रयोग किया जाएगा और वाइब्रेशन को कंट्रोल करने के लिए ब्लास्ट में डिले (अंतराल) होगा। यह अंतराल माइक्रोसेकंड का होगा। यह सुनने में काफी कम है, लेकिन वाइब्रेशन को कम करने में काफी बेहतर है। होने वाले विस्फोट को समझेएडफिस पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने नोएडा प्राधिकरण में दिए गए प्रस्तुतीकरण में दोनों टावरों को गिराने के लिए दो विस्फोट (प्राइमरी और सेकेंड्री) होंगे। प्राइमरी विस्फोट में ग्राउंड फ्लोर, पहले, दूसरे, छठवें, दसवें, 14वे, 22वे, 26 वे और 30 वें फ्लोर पर विस्फोटक किया जाएगा। इसके विस्फोट के सिक्यूसेंस 0 से 7.0 सेकंड का होगा। इसी तरह सेकेंड्री विस्फोट 0 से 3.5 सेकंड का होगा।
विस्फोट के दौरान मलबा परिसर से बाहर नहीं आएगा। इसके लिए प्रत्येक कालम जिसमें विस्फोट किया जाएगा उसे वायर गेज, जियो टेक्सटाइल फाइबर से कवर किया जा रहा है। प्रत्येक ब्लास्ट फ्लोर के बार ग्रीन शीट या सेफ्टी नेट। आसपास के टावर के सुरक्षा के लिए कवर शीट लगाई जाएगी। यह शीट डस्ट और मलबे को रोकेगी।
जियो टेक्सटाइल फाइबर से क्या होता है
जियो टेक्सटाइल फाइबर एक प्राकृतिक पारगम्य फैब्रिक है, जो बेहद मजबूत होने के साथ अत्यधिक टिकाऊ, टूट-फूट, मोड़ एवं नमी प्रतिरोधी है। इस कारण इसका उपयोग नदी तटबंधों, खादान की ढलानों का स्थिरीकरण करने और मिट्टी के कटाव को रोकने में भी किया जा सकता है। यहां इसका प्रयोग ब्लास्ट के दौरान कंस्ट्रक्शन मलबा न फैले इसके लिए किया जा रहा है। पिलर के चारों ओर हैवी वायर मैश (तारो का जाल) बनाया जा रहा है जो एक प्रकार की जकड़ बनाता है। ब्लास्ट के दौरान पिलर ध्वस्त होगा लेकिन उसके पार्टिकल दूर दूर तक नहीं जाएंगे।