नोएडा. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का वो हादसा सभी को याद होगा, जब एक पांच मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई थी. हादसे में तीन लोगों की मौत के साथ कई लोग घायल हो गए थे. हादसे के बाद अवैध निर्माण को लेकर काफी हो हल्ला मचा था, बावजूद इसके फ्लैट माफियाओं पर कोई असर नहीं पड़ा. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अजनरा होम्स सोसाइटी में रहने वाल लोगों का डर बोल रहा है. सोसाइटी में रहने वालों का कहना है कि जिस तरह से लखनऊ में अवैध रूप से निर्माण किया गया था, उसी तरह यहां भी किया गया है. बिल्डर ने नक्शा से ज्यादा फ्लैट बना दिए हैं. आइए जानें क्या है मामला?
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए दिनकर बताते हैं कि वो पिछले पांच साल से अजनारा होम्स में रह रहे हैं. वह एक आईटी कंपनी में काम करते हैं और ओ टावर (o tower) का हमने यूपी रेरा (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) की वेबसाइट से नक्शा निकाला था. इस नक्शे को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने पास किया है. हालांकि नक्शे को देखने के बाद उनकी नींद गायब हो गई है.
14 फ्लोर की मंजूरी और…
अजनारा होम्स में रहने वाले दिनकर बताते हैं कि अजनारा होम्स में 14 फ्लोर की ही मंजूरी थी, लेकिन पहले बिना परमिशन 26 फ्लोर बनाए और उसके बाद अब 27वां फ्लोर तैयार करवा दिया है. वहीं, विनय गोटेवाल बताते हैं कि मैं भी इसी टावर में रहता हूं. बिल्डर ने एक्स्ट्रा फ्लोर बनाए हैं. इससे हमारी जान को खतरा महसूस होता है. नींव कमजोर है. वहीं, नक्शा है नहीं फिर भी निर्माण होते जा रहा है. सोसाइटी में संसाधनों की कमी है, लेकिन कोई सुनने वाला है.
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जिंदगी सस्ती फ्लैट महंगे
सुबोध कुमार भी ओ टावर में रहते हैं. वो बताते हैं कि अभी 27वां फ्लोर किसी को बिका नहीं है, लेकिन जब बिक जाएगा तो लोग रहने भी आ जायेंगे. तब सोचिए कितनी समस्या होगी. हमने चालीस लाख रुपये में घर खरीदा. किसी को साठ लाख में भी पड़ा, लेकिन हमारी जिंदगी सस्ती हो गई.
कोई भी बोलने को तैयार नहीं
इस मसले पर एपीवी अजनारा के निदेशक रणजीत गुप्ता ने कुछ भी बताने से मना कर दिया. उनका कहना है कि वरिष्ठ जनों से बात कीजिए. वहीं अजनरा के ऑनर विनीत गुप्ता को कई कॉल और मैसेज किए गए, लेकिन उनका कोई रिस्पोंस नहीं आया. इसके अलावा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के प्रभारी जीएम प्लानिंग सुधीर कटियार बताते हैं कि मुझे मामले की जानकारी नहीं है. हम जांच के बाद कार्रवाई करेंगे.