पिछले साल दशहरा पर आयोजन के दौरान लखनऊ रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामिक स्टेट्स इन ईराक एंड सीरिया (ISIS) से प्रेरित एक आतंकी मॉड्यूल के निशाने पर थे। लखनऊ की दशहरा रैली में इस आतंकी मॉड्यूल ने पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में भी विस्फोट की कोशिश की थी। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन धमाके में शामिल पकड़े गए मोहम्मद दानिश और आतिफ़ मुज़फ्फ़र से पूछताछ में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने यह राज खोला है।
दोनों आतंकियों से एनआईए की पूछताछ में सामने आया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 17 अक्टूबर को यहां एक रैली को संबोधित करने वाले थे। इसी रैली में इस आतंकी संगठन ने धमाके की कोशिश की थी। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी बरतते हुए आतंकियों की इस साजिश को नाकाम कर दिया था। यह दोनों फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में हैं।
पूछताछ में दानिश ने अपने बयान में कहा है कि यह समूह ‘चरमपंथ के प्रभाव के स्तर को जानने के लिए’ विस्फोट करने को बेसब्र हो रहा था और इस प्रक्रिया के दौरान समूह ने विभिन्न स्थानों पर बम लगाने के कई असफल प्रयास भी किए थे।
एनआइए की दानिश से पूछताछ में पता चला है कि आतिफ मुजफ्फर ने स्टील के पाइपों और बल्बों की मदद से एक बम भी तैयार किया जिसमें खुद उसने भी मदद दी।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में रेलवे पटरी पर सात मार्च को हुए विस्फोट के बाद एनआइए ने आतिफ समेत अन्य छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
दानिश के मुताबिक, आतिफ ने साइकिल की एक दुकान से लौहे के छर्रे के दौ पैकेट खरीदे थे। आतिफ ने भी दानिश के इस बयान की पुष्टि की है कि वह ओल्ड कानपुर के मूलगंज में पटाखे की सामग्री खरीदने गए थे।