संरक्षण गृह में रह रही किशोरी से दुष्कर्म का मामला पुलिस जांच में झूठा पाया गया। मामले में नैनीताल पुलिस ने आरोप सही साबित नहीं होने पर अपनी फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। वहीं किशोरी को भी उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया है। बीते दिनों किशोरी ने आरोप लगाया था कि संरक्षण गृह की दो अनुसेविकाएं उसे इलाज के बहाने किसी मकान में ले जातीं हैं, जहां उससे दुष्कर्म किया जाता है।इससे शासन, प्रशासन में हड़कंप मच गया था।
मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्या ने एक अनुसेविका को निलंबित कर दूसरी को होमगार्ड विभाग को वापस करते हुए कार्रवाई की संस्तुति की थी। मामले की जांच के लिए शासन स्तर से दो सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया था। अब पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच में किशोरी के आरोप सही नहीं पाए गए। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो सकी।
बृहस्पतिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि प्रकरण में किशोरी की ओर से लगाए गए आरोप सत्य नहीं पाए गए। किशोरी नारी निकेतन में नहीं रहना चाहती थी और अपने घर जाना चाहती थी। जब उसे घर नहीं जाने दिया गया तो उसने कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगा दिए। पुलिस ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। किशोरी को उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया है।