ग्रेटर नोएडा। फेज तीन कोतवाली पुलिस की करतूत ने कमिश्नरेट पुलिस की किरकिरी कराई है। फेज तीन कोतवाली क्षेत्र से लूटी गई किया सोनेट कार पांच महीने तक जिले में घूमती रही।
बदमाश उसमें सवार होकर घटना को अंजाम देते रहे। कोतवाली पुलिस ने मामले में कार्रवाई करने के बजाय केस बंद कर दिया। मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई कि लूटी गई कार के संबंध में कोई जानकारी नहीं हो सकी।
कैसे हुआ मामले का पर्दाफाश?
मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब लूटी गई कार से बदमाशों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मर्चेंट नेवी अधिकारी की पत्नी को बंधक बनाकर लूट की घटना को अंजाम दिया। खुद की किरकिरी होती देख अब आनन-फानन में फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट से वापस मंगाकर मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
नोएडा के सेक्टर 121 स्थित क्लियो काउंटी सोसायटी में रजत बाली रहते है। 30 अप्रैल की रात वह साढ़े 11 बजे के करीब कार से सोसायटी की तरफ जा रहे थे। तभी दोस्त का फोन आने पर वह बात करने लगे। तभी तीन बदमाशों ने उनकी ही कार में रजत को बंधक बना लिया।
नोएडा की सोसाइटी में टहल रही थी बुजुर्ग महिला, बेसमेंट से निकली तेज रफ्तार SUV ने रौंदा, हुई मौत
उनको सड़कों पर घुमाया और फरीदाबाद में उनको छोड़कर किया सोनेट कार लूट कर फरार हो गए। मामले की रिपोर्ट फेज तीन कोतवाली में दर्ज हुई। पांच महीने पहले दर्ज हुई रिपोर्ट में कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने अपनी गर्दन बचाने के लिए केस बंद कर दिया।
फाइनल रिपोर्ट लगाकर यह मान लिया कि लूटी गई कार को अब नहीं ढूंढा जा सकता है। अब छह दिन पहले शुक्रवार को उन्हीं बदमाशों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मर्चेंट नेवी अधिकारी की पत्नी नूतन को बंधक बनाकर आभूषण व नकदी लूट ली।
बदमाशों का बिसरख कोतवाली पुलिस से सामना हुआ और लूटी गई किया सोनेट के साथ बदमाश पकड़े गए। पकड़े गए तीनों बदमाश बिट्टू कसाना, अखिल भाटी व लव कुमार को पुलिस मुठभेड़ में गोली लगी है।
पहले भी किरकिरी करा चुकी है फेज तीन कोतवाली पुलिस
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब फेज तीन कोतवाली पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इससे पूर्व भी बाइक से चूहा कुचलने के मामले में पुलिस ने जैनरुद्दीन को गिरफ्तार कर सोशल मीडिया पर वाहवाही लूटने की कोशिश की थी। यह दांव उल्टा पड़ गया और इंटरनेट मीडिया पर कमिश्नरेट पुलिस को ट्रोल किया गया था। मामले में उच्च अधिकारियों को हस्ताक्षेप करना पड़ा था।
नहीं होती घटना तो बंद ही रह जाता केस
यदि मर्चेंट नेवी अधिकारी के घर घटना नहीं होती तो बदमाशो के कब्जे से लूट की कार को बरामद करना पुलिस के लिए नामुमकिन जैसा हो गया था। खुद की गर्दन बचाने के लिए पुलिस ने लूट की धारा में भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी।
प्रकरण संज्ञान में आया है। मामले में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होगी। विवेचक द्वारा बरती गई लापरवाही के संबंध में जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
ह्देश कठेरिया, एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा