नई दिल्ली। विकासपुरी इलाके में एक कार चालक को रोकना ट्रैफिक कांस्टेबल को भारी पड़ गया। आरोपित कार चालक ने कांस्टेबल को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कांस्टेबल हवा में उछलते हुए सड़क पर जा गिरे। टक्कर लगने से कांस्टेबल बेहोश हो गए। वहां मौजूद उनके साथियों ने उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। विकासपुरी थाना पुलिस शिकायत मिलने के बाद आरोपित के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार घायल कांस्टेबल का नाम हनुमान है। वह इन दिनों तिलक नगर सर्किल में तैनात हैं। सोमवार दोपहर करीब 3.15 बजे वह यातायात पुलिसकर्मियों के साथ बाहरी रिंग रोड पर तैनात थे। इसी बीच हनुमान ने देखा एक आइ-20 कार विकासकुंज की रेड लाइट को जंप कर विकासपुरी की तरफ आ रही है। यातायात नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर हनुमान ने हाथ देकर कार चालक को रुकने का इशारा किया।
लेकिन आरोपित चालक ने कार की रफ्तार और तेज कर दी और कांस्टेबल हनुमान को टक्कर मार दी। हनुमान को कई जगह चोटें आई हैं। कांस्टेबल ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि सड़क चौड़ी होने के बावजूद चालक ने उन्हें टक्कर मारी। वहीं, एक अन्य मामले में मध्य प्रदेश के सेंधवा से अवैध हथियार लाकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करने वाले दो तस्करों को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपित साजिद व राजेंद्र के पास से 20 सेमी आटोमेटिक पिस्टल बरामद की हैं।
डीसीपी राजीव रंजन के मुताबिक, स्पेशल सेल के एसीपी वेद प्रकाश की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की टीम ने इंद्रप्रस्थ पार्क के पास से मुजफ्फरनगर निवासी साजिद अहमद को गिरफ्तार किया। वह अवैध हथियार की सप्लाई करने यहां पर आया था। उसके पास से मध्यप्रदेश के सेंधवा से लाई गईं 10 पिस्टल बरामद हुईं। उनकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने छापा मारकर सराय काले खां के पास से राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। उसके पास से भी 10 पिस्टल बरामद हुईं।
आरोपित साजिद अहमद ने पुलिस को बताया कि वह यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। जल्दी रुपए कमाने के लिए वह तस्करी में लिप्त हो गया। इस काम में राजेंद्र उसकी मदद करता था। वह लोग दिल्ली-एनसीआर, यूपी और हरियाणा के बदमाशों को हथियार सप्लाई करते थे।
12 से 15 हजार रुपये में खरीदते थे पिस्टल
पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजेंद्र यूपी के प्रयागराज का रहने वाला है। वह गत पांच वर्ष से अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त है। वह मध्य प्रदेश से हथियार 12 से 15 हजार रुपये में लेकर आता था और उसे दिल्ली-एनसीआर के बदमाशों को 25 से 30 हजार रुपये में बेचता था। राजेंद्र को पुलिस ने 2015 में एक्सप्लोसिव एक्ट के केस में गिरफ्तार किया था। जेल में रहने के दौरान अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले तस्करों के वह संपर्क में आया। बाहर आकर वह हथियारों की तस्करी में लग गया। उसके खिलाफ हत्या, आर्म्स एक् आदि के छह मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं।