नोएडा: ढहाए गए एपेक्स व सियान टावर की जगह पर सुपरटेक बिल्डर ने हाउसिंग प्रोजेक्ट लाने की बात कही है। सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह जमीन अब सोसायटी के लोगों की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ट्विन टावर ध्वस्त हो चुका है। सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि मलबा हटने के बाद ट्विन टावर की जगह पर हाउसिंग प्रोजेक्ट की मंजूरी लेने के लिए नोएडा प्राधिकरण में प्रस्ताव दिया जाएगा। जरूरी हुआ तो आरडब्ल्यूए से सहमति ली जाएगी।
टावर ध्वस्तीकरण के कारण 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्राधिकरण ने सुपरटेक को 14 एकड़ जमीन आवंटित की थी। इसमें से दो एकड़ में ट्विन टावर का निर्माण किया गया था। यह ग्रीन एरिया की जमीन नहीं है। आरडब्ल्यूए द्वारा मंदिर, पार्क व खेल मैदान बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए आरडब्ल्यूए को जमीन खरीदनी पड़ेगी। इसकी कीमत 80 करोड़ रुपये है। हाउसिंग प्रोजेक्ट की अनुमति नहीं दी गई तो भूमि की कीमत वापस मागेंगे। ट्विन टावर का निर्माण प्राधिकरण से मिली सहमति के आधार पर किया गया है। फ्लोर एरिया रेसियो (एफएआर) का 25 करोड़ रुपये प्राधिकरण में जमा किया गया है।
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा कि भ्रष्टाचार से बनी इमारत को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ध्वस्त किया गया है। आरडब्ल्यूए ने ट्विन टावर की जगह का लीज रेंट जमा कर अन्य जरूरी औपचारिकता पूरी कर दी है। इस पर कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए प्राधिकरण व सोसायटी के लोगों की सहमति अनिवार्य है। बिल्डर ने पूरे एफएआर का उपयोग कर लिया है। 2006 में 82 प्रतिशत ग्रीन एरिया व खाली मैदान सोसायटी के लोगों को देने का दावा किया गया था। इसका उल्लंघन किया गया है। सोसायटी में आरडब्ल्यूए आम सभा की बैठक करेगी। सोसायटी के लोग 2009 से ट्विन टावर निर्माण का विरोध कर रहे हैं। सोसायटी में लोग मंदिर, खेल मैदान व पार्क बनाने के पक्ष में विचार कर रहे हैं।