इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन यात्रा से पहले बलूचिस्तान में हालिया हमलों ने देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। इन एजेंसियों को और हमले की आशंका के बीच अलर्ट जारी किया गया है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में दो अलग-अलग आतंकी हमलों के मद्देनजर पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों को गुरुवार को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। हमलों के बाद, देशभर की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को उच्चतम स्तर की तैयारियां करने को कहा गया है।
कल सात पाकिस्तानी सैनिकों की हुई थी मौत
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में गुरुवार को बलूच विद्रोहियों ने सेना के दो अड्डों को फिर निशाना बनाया था। इसमें पाकिस्तान के सात सैनिकों की मौत हो गई। जबकि सेना ने 13 विद्रोहियों को मार गिराने का दावा किया था। बता दें कि बलूच विद्रोहियों ने बीते 25 जनवरी को भी प्रांत के केच जिले में एक सैन्य चौकी पर हमला किया था, जिसमें 17 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई थी।
बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ली थी जिम्मेदारी
पाक सैनिकों को मारने के बाद बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएफएफ) ने पंजगुर और नौशकी जिलों में सैन्य अड्डों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है। इस प्रतिबंधित समूह का दावा है कि उसके आत्मघाती हमलावरों ने बलूचिस्तान के सैन्य ठिकानों के प्रवेश द्वारों पर विस्फोटक लदे वाहनों से धमाका किया, जिसमें 50 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं।
चीनी नागरिक होते हैं बलूचों के निशाने पर
बलूचों के निशाने पर हमेशा चीनी रहते हैं और इमरान खान की चीन यात्रा से पहले यह हमला भी इसी बात को दर्शा रहा है। चीन पाकिस्तान के साथ अपनी सुरक्षा चिंताओं को पहले भी उठाता रहा है। पिछले साल उत्तरी पाकिस्तान में हुए एक हमले में 10 चीनी श्रमिक मारे गए थे और 26 लोग इसमें घायल हुए थे।