फर्जी वेबसाइट के जरिये यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय प्लॉट की योजना निकालकर 400 से अधिक लोगों से सवा करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। ग्रेटर नोएडा की बिसरख पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ठगी का यह पैसा एक फर्म के बैंक खाते में गया है। पुलिस अब इस फर्म की जांच कर रही है। इस मामले में बहुत जल्द कई और गिरफ्तारी हो सकती हैं।
थाना बिसरख पुलिस में सात अक्टूबर को 8-10 लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया था कि यमुना प्राधिकरण की फर्जी साइट बनाकर उसके साथ ठगी की गई है। शिकायत में यह भी बताया गया कि ठगों ने सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है। बिसरख पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई।
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पुलिस ने रविवार को यमुना प्राधिकरण की फर्जी साइट बनाकर नागरिकों के साथ ठगी करने वाले आरोपी मधुर सहगल निवासी जेपी विशटाउन, सेक्टर-128, नोएडा को गिरफ्तार किया है। उसे टावर-1 में बने द्वितीय तल पर बनी दुकान से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने सेक्टर-129 में ऑफिस भी बना रखा है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि ठगों ने यह पैसा एक फर्म के बैंक खाते में डलवाया है। अब पुलिस उस फर्म की जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में अन्य गिरफ्तारी होंगी।
दो महीने पहले शुरू किया खेल
बिसरख कोतवाली प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि ठगों ने करीब दो महीने पहले www.yerdawasiyayojna.com नाम की फर्जी वेबसाइट बना डाली। ठगों ने यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे दनकौर क्षेत्र में भागीरथ सोसाइटी में सस्ते दामों में प्लॉट देने की स्कीम शुरू कर दी। इस वेबसाइट के जरिये लोगों से भूखंड बुक करने के लिए 15000 रुपये, 21000 और 31000 रुपये जमा करवाए गए। सारा पैसा राजोर पे प्लेटफार्म के माध्यम खाते में एक बार में आ जाता था। करीब सवा करोड़ की धोखाधड़ी की गई है। आवेदकों से कहा गया कि लकी ड्रॉ से आवंटन किया जाएगा।
प्राधिकरण की अनुमति से आती है योजना
जेवर एयरपोर्ट के पास भूखंड लेने के लालच ने लोगों को ठगी का शिकार बना दिया। दरअसल अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण भूखंडों की योजना लाते हैं। अधिसूचित क्षेत्र में बिना प्राधिकरण की अनुमति के कोई योजना नहीं आती है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। प्राधिकरण बिल्डरों के लिए योजना लाते हैं। उसके बाद बिल्डर भूखंड और फ्लैट की योजना निकालते हैं। लेकिन लोगों ने बिना छानबीन किए ही इस योजना में फंस गए।
इस तरह रची ठगी की साजिश
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। एयरपोर्ट के पास आवासीय भूखंड लेने वालों की होड़ मची है। सितंबर महीने में यमुना प्राधिकरण ने आवासीय भूखंडों की योजना निकाली थी। इस योजना में फार्म भरने वालों की संख्या 90 हजार के करीब पहुंच गई थी। इसको देखते हुए ठगों ने साजिश रची। फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगना शुरू किया।
प्लॉट खरीदते समय बरतें ये 5 सावधानी
- प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र की अवैध कॉलोनी में प्लॉट ना खरीदें। ऐसी कॉलोनियों को प्राधिकरण गिरा देता है।
- अगर कोई योजना निकाल रहा है तो उसकी पूरी जांच पड़ताल कर लें।
- जिस प्राधिकरण की योजना है, उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक करें।
- प्राधिकरण की योजना प्लॉट की कुल कीमत का 10 प्रतिशत शुरू में जमा कराया जाता है। फर्जी वेबसाइट में कम पैसा लेते हैं।
- प्राधिकरण के दफ्तर में जाकर जांच पड़ताल कर सकते हैं।
यीडा भी जारी कर चुका है नोटिस
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल विकास प्राधिकरण के मुताबिक एक फर्जी वेबसाइट नोएडा एयरपोर्ट के करीब उसके नोटिफाइड एरिया में आवासीय भूखंड बेच रही है। यमुना अथॉरिटी ने इस बारे में एक नोटिस जारी किया है। इसके मुताबिक एक फर्जी वेबसाइट हूबहू यीडा की आधिकारिक वेबसाइट की तरह है। इसमें अथॉरिटी के मास्टर प्लान के साथ-साथ नोएडा एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, लॉजिस्टिक्स हब और दूसरे प्रोजेक्ट्स की डिटेल दी गई है। साथ ही प्लॉट के रजिस्ट्रेशन के लिए बटन दिया गया है। यमुना अथॉरिटी ने निवेशकों को इससे दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने बताया है कि प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट www.yamunaexpresswayauthority.com है।