ग्रेटर नोएडा। रालोद-सपा गठबंधन ने जेवर सीट से बाहरी प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना पर दांव लगाया था। उन्हें अर्थपूर्ण चुनावी राजनीति का माहिर माना जाता है। स्वयं के हेलीकाप्टर से उड़ान भरने वाले अवतार ने जेवर से जीत की उड़ान के सपने देखे थे। लेकिन, जेवर क्षेत्र की विकास पसंद जनता ने हवा से उतार उन्हें जमीन पर ला खड़ा किया।
भड़ाना अभी तक भाजपा के टिकट पर मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से विधायक थे। इससे पूर्व मेरठ से सांसद थे। वह हर बार नया क्षेत्र चुनते हैं और जीतने के बाद क्षेत्र में बहुत कम नजर आते हैं। क्षेत्र में विकास न करने के कारण चुनाव में नए क्षेत्र को कर्मस्थली बनाते हैं।
जेवर क्षेत्र में उनके कुछ रिश्तेदार हैं। जेवर से उनका ठोस जुड़ाव नहीं है, लेकिन गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नीचे गुर्जर शब्द न लिखा होने के कारण क्षेत्र के गुर्जरों में भाजपा नेताओं के प्रति नाराजगी को भुनाने के लिए उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए जेवर को चुना।
रालोद से उन्होंने टिकट प्राप्त कर लिया। चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी दाखिल कर दिया। कुछ दिन तक प्रचार करने के बाद उन्हें लगा कि यहां से जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा।
इस कारण पर्चा दाखिल करने के बाद उन्होंने अचानक चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी थी, लेकिन तमाम गुना-भाग के बावजूद 56,315 वोटों के भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा।